Shikhar Varta - अप्रेल 2018
Hindi | 52 pages | True PDF | 11.6 MB
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जातिमुक्त समाज कई समस्याओं का समाधान
मध्य प्रदेश को अमूमन शांति का टापू कहा जाती है, लेकिन शायद इसकी वजह यहाँ प्रतिरोध का कमजोर होना है। दरअसल मध्यप्रदेश में सामंतवाद और जाति उत्पीड़न
की जड़ें बहुत गहरी हैं। यह सूबा वंचित समुदायों के उत्पीड़न के मामलों में कई वर्षों से लगातार देश के शीर्ष राज्यों में शामिल रहा है।
अस्तित्व बचाने सभी दल हुए एकजुट
भाजपा को घेरने के लिए सभी विपक्षी दलों द्वारा कई तरह की लामबंदी शुरू हो गई है। पिछले दिनों यू. पी. ए. अध्यक्ष सोनिया गाँधी के रात्रि भोज में बीस विपक्षी
पार्टियों की शिरकत से यह संदेश तो गया ही है कि यदि सभी विपक्षी दल देशहित को सर्वोपरि मान अपने निजी हितों और स्वार्थों को भुला एकजुट हो जायें तो बेशक
सत्तारूढ़ भाजपा के लिए चुनौती सिद्ध हो सकती है।
एक दिवस मतदाता-जागरूकता के नाम
क्या सिर्फ ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ मनाने से ही मतदाता जागरूक हो जाएँगे? और यह भी कि क्या शत-प्रतिशत अथवा अधिकाधिक मतदान होने से देश की वे सारी
समस्याएँ हल हो जाएँगी जिन्हें राजनीतिक भ्रष्टाचार अथवा भ्रष्ट राजनीतिक तन्त्र ने जन्म दिया है?
नक्Þसलियों के सामने सरकार फिर नाकाम
सुकमा जैसे नक्सल-प्रभावित इलाकों में स्थानीय ट्राइबल्स को कृषि और जंगल की जमीन से बड़े स्तर पर बेदखल किया गया है, जिसकी वजह से नक्सलियों को वहां
पनाह मिल रही है। सुकमा की समस्या काफी हद तक इलाके के किसानों की बेदखली से जुड़ी है। इसी वजह से माओवादी यहां अपनी पकड़ बनाने में कामयाब रहे हैं।
विश्व के हीरो निकले दाग़ी
मैच के दौरान गेंद से छेड़छाड़ के कारण आस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम के कप्तान पद से स्टीव स्मिथ और उपकप्तान पद से डेविड वार्नर को आखिरकार अपने-अपने पद से
हटना पड़ा। इस वाकये से आस्ट्रेलियाई क्रिकेट की साख गिरी है साथ ही यह घटना पूरे क्रिकेट जगत के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रदीप-शरद
मध्यप्रदेश के सशक्त हस्ताक्षर
हिंदी सिनेमा जगत में प्रदीप-शरद कला के सशक्त हस्ताक्षर रहे हैं। इन दोनों का भारतीय सिनेमा के लिए योगदान कालजयी सिद्ध हुआ है। आज भी सिनेमा प्रेमी इनकी
कला की प्रशंसा करते हुए रोमांचित होते हैं। मध्यप्रदेश के अमर कलाकारों में इनका नाम सुनहरे हर्फों में लिखा हुआ है।