Shikhar Varta - जुलाई 2018

Posted By: Pulitzer

Shikhar Varta - जुलाई 2018
Hindi | 88 pages | True PDF | 22.6 MB


शिक्षा में रैंकिंग से अधिक गुणवत्ता की बात हो
विज्ञान और तकनीकी शिक्षा के प्रसार पर बल दिया जाना तो अच्छी बात है लेकिन इस विशाल देश को सभ्य ,सुशिक्षित, वैचारिक ऊर्जा-सम्पन्न योग्य नागरिक की आवश्यकता है; वह तो गुणवत्तापूर्ण शि़क्षा से ही निर्मित हो सकेंगे। मुट्ठी भर शीर्ष संस्थान इतने नागरिकों का निर्माण नहीं कर सकते।

न ज्ञान रहा, न समृद्धि आई
हमने भारतीय शिक्षा, उसकी प्रणाली, उसके उद्देश्य सबको छोड़कर पश्चिमी रंग में रंगने की कोशिश कर उसे अपना लिया, यह सोचकर कि दुनिया में अपनी स्थिति ऊँची कर सकेंगे। आज हम दुनिया के नक्Þशे में अनेक मामलों मे बहुत नीचे हैं, चाहे वो शिक्षा हो, रोज़गार हो या आर्थिक समृद्धि हो। हमारी स्थिति ऐसी हो गई है कि न खुदा ही मिला न विसाले सनम, न ज्ञान रहा न समृद्धि आई।

कबीर के बहाने : शिक्षा के मायने
प्राचीन भारतीय शिक्षा का अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि भारत में शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया रही है, जिसमें शारीरिक शिक्षा, मानसिक शिक्षा तथा आध्यात्मिक शिक्षा का समावेश रहता है। शरीर और मन से स्वस्थ व्यक्ति समाज में हिंसा के बीज नहीं बोता है। अध्यात्म उसे मानव-प्रेम का पाठ पढ़ाता है।

राजनीति का विभ्रम काल
कर्नाटक चुनाव के बाद विपक्षी एकता का असर अब सर्वत्र महसूस होने लगा है। न केवल भाजपा ही सकते में हैं बल्कि वे सभी विपक्षी पर्टियाँ भी अपने आपको लामबंद कर रही हैं जिन्होंने विपक्षी एकता मज़बूत करने की दिशा में सक्रिय योगदान दिया है। ये अपने-अपने प्रभुत्व वाले क्षेत्रों के साथ-साथ अखिल भारतीय स्तर पर भी अपनी भूमिका तलाशने में जुट गयी हैं।

रोनाल्डो-मेसी ने हार कर भी जीता दिल जीता
इस बार विश्व कप का सपना लिए खेल रहे फुटबॉल के दो महान खिलाड़ी मेसी और रोनाल्डो को भारी निराशा का सामना करना पड़ रहा है। इससे इन दोनों महान खिलाड़ियों के भविष्य पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। खास बात यह है कि दोनों ही महान खिलाड़ियों ने अपने रिकार्ड्स एवं खेल भावना के बूते फुटबॉल प्रेमियों का दिल जीत लिया।