Cricket Today Hindi Edition - जुलाई 2017
Hindi | 100 pages | True PDF | 38.4 MB
Hindi | 100 pages | True PDF | 38.4 MB
टीम इंडिया के कोच का हाई-प्रोफाइल पद आखिरकार रवि शास्त्री की जेब में आ ही गया, जो कि पिछले साल उनके हाथ से फिसल गया था। शास्त्री के नये कोच बनने पर किसी को कोई ऐतराज नहीं है लेकिन जिस प्रकार पिछले एक साल में टीम इंडिया को उम्मीद से बेहतर सफलता दिलाने वाले अनिल कुंबले को पद छोड़ने के लिये बाध्य किया गया वह वाकई दिल को चोट पहुंचाने वाला है। इसके अलावा जिस प्रकार नये कोच के लिये रवि शास्त्री को टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के इशारे पर वाइल्डकार्ड एंट्री दी गई और उन्हें ही नया कोच घोषित किया गया उससे प्रतीत होता है कि यह एक स्क्रिप्टेड शो था जिसकी स्क्रिप्ट चैंपियंस ट्रॉफी से पहले ही लिखी जा चुकी थी। कोच पद को लेकर हुई उठापटक नेे बीसीसीआई की किकेट सलाहकार समिति में शामिल सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गजों की साख को जमकर बट्ïटा भी लगाया है। इस समिति ने रवि शास्त्री को कोच पद देने के बाद जहीर खान को बॉलिंग कोच और राहुल द्रविड़ को विदेशी दौरों के लिये बल्लेबाजी कोच के तौर पर जोड़ने की घोषणा कर दी लेकिन कुछ समय बाद बोर्ड ने यू-टर्न लेते हुए टीम के सपोर्ट स्टाफ को चुनने का हक शास्त्री को दे दिया, लिहाजा उन्होंने (शास्त्री) जहीर और द्रविड़ पर भरत अरुण और आर श्रीधर को तरजीह देना बेहतर समझा। ये अलग बात है कि भरत अरुण और आर श्रीधर को भारत का आम क्रिकेट प्रेमी नहीं जानता है लेकिन चापलूसी के इस दौर में सबकुछ जायज है। वहीं संजय बांगर को सहायक कोच बनाया गया है। शास्त्री को बतौर कोच सालाना आठ करोड़ रूपये मिलेंगे जबकि अनिल कुंबले को 6.5 करोड़ रूपये मिलते थे। बहरहाल, जब तमाम झंझावातों के बाद शास्त्री को कोच की कुर्सी मिल ही गई है तो अब उनसे ही टीम के बेहतर भविष्य की उम्मीद लगाना दिल को तसल्ली देने का अच्छा तरीका है, लेकिन विराट और शास्त्री की जोड़ी टीम इंडिया को कितनी कामयाबी दिला पाती है ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।