Akram Express Hindi Edition - नवम्बर 2017
Hindi | 20 pages | True PDF | 4.5 MB
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वास्तव में हम इतने भाग्यशाली बच्चे है की दुःख क्या चीज़ है हमने उसे देखा ही नहीं है. फिर भी क्यों हम किसी न किसी बजह से रोते ही रहते है? मानो कितने दुखो के पहाड टूट पड़े हो.
फिर एक दिन मैने पता लगाया की मुझे क्या प्रॉब्लम है. चेक करने पर पता चला की में इतना लकी हू की मेरे पास सबकुछ है. लेकिन जब में उसका और के साथ कम्पेरीसन करता हूं तब मुझे दुःख शुरू हो जाता है.